वहाँ तन्हा क्या खड़े हो
इस भीड़ का हिस्सा बन जाओ
हिम्मत से ना सही , कायरता से
कम से कम दो वक़्त की रोटी तो खाओ
यूँ खुशी की तलाश में क्यूँ हो
इस दर्द का हिस्सा बन जाओ
तलाशने की कूबत नही है तुम में
कम से कम किसिका दर्द ही बाँटते जाओ
यूँ भौतिकता के दामन को थाम कर
हल निकल सकता नही समस्या का
थोड़ी चोरी कर लो, तोड़ा डरा लो मासूमों को
अपने का इलाज ही करते जाओ
तुमसे मुखातिब नही है ज़िंदगी के पहलू
उन्हे कुरेदो मत नासूर बन जाएँगे
बिना घाओ के मरहम लगा लो
कम से कम दर्द का एहसास ना होगा तुमको
इस भीड़ का हिस्सा बन जाओ
हिम्मत से ना सही , कायरता से
कम से कम दो वक़्त की रोटी तो खाओ
यूँ खुशी की तलाश में क्यूँ हो
इस दर्द का हिस्सा बन जाओ
तलाशने की कूबत नही है तुम में
कम से कम किसिका दर्द ही बाँटते जाओ
यूँ भौतिकता के दामन को थाम कर
हल निकल सकता नही समस्या का
थोड़ी चोरी कर लो, तोड़ा डरा लो मासूमों को
अपने का इलाज ही करते जाओ
तुमसे मुखातिब नही है ज़िंदगी के पहलू
उन्हे कुरेदो मत नासूर बन जाएँगे
बिना घाओ के मरहम लगा लो
कम से कम दर्द का एहसास ना होगा तुमको
kisi ch*$#ye ki wajah se likhna band karna anyaay hoga
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