Tuesday, April 27, 2010

FOR THOSE WHO ALWAYS WANT TO FALL IN LOVE

यह कुछ शेर उन लोगों के लिए जो आशिक़ है या आशिक़ी में धोखा खाए हुए है


मेरा मॅन भी कायल है इन्ही मदहोश आँखों का
लूट गये ही सबके सब
मगर बाकी अभी हम है


तेरी जुल्फो के साए में यूँ डूब जाए हम
की जैसे ग्रहित सूरज का बाकी निशान ना हो


काई आशिक़ है यहाँ कितनो का दिल टूटा होगा
ज़िंदगी के दो रहे पर किसी से किसी का साथ तो छूटा होगा

ज़ालिम ज़माने को मत कह इसने क्या ना दिया तुझको
ज़ालिम तो वो आँखें है जो खड़ी देख रही बर्बाद होते तुझको


गम इतना मिला की आँखों में आसून ना रहे
कॉसिश बहुत की पर दिल को रोने से ना रोक सके


यह पंक्तियाँ उनके लिए जो किसी भी बात को लेकर निराश हो जाते है

"जब खवाब ही संजोए थे मिट्टी क पुतलों के
तो बारिश तो एक दिन होनी ही थी"