Saturday, September 17, 2011

Tujhse milkar bhi tanha hai

तेरा ही ज़िक्र हर महफ़िल में है
दीदार को तरसते है सभी
हम खुश किस्मत है जो तू हुमारे पास है
तू गुमसूँ हिया लेकिन आँखों सब कह देती है
कुछ समझने की उलझन में है
कुछ नासँझ गुमा में इतरा रहे है
सभी तन्हा तेरी महफ़िल में आया करते है
सभी बेहोश तेरी महफ़िल से जाए करते है
इत्र सा कुछ तुझमें ऐसा है
करार ले लिया है तूने सबका
दुनिया कस्माकश में है की क्या करे
एक हम है जो तुझसे मिलकर भी तन्हा है






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