तेरा ही ज़िक्र हर महफ़िल में है
दीदार को तरसते है सभी
हम खुश किस्मत है जो तू हुमारे पास है
तू गुमसूँ हिया लेकिन आँखों सब कह देती है
कुछ समझने की उलझन में है
कुछ नासँझ गुमा में इतरा रहे है
सभी तन्हा तेरी महफ़िल में आया करते है
सभी बेहोश तेरी महफ़िल से जाए करते है
इत्र सा कुछ तुझमें ऐसा है
करार ले लिया है तूने सबका
दुनिया कस्माकश में है की क्या करे
एक हम है जो तुझसे मिलकर भी तन्हा है
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