Wednesday, July 28, 2010

ishq bewajah kiya tha kya maine

आज कल जब भी बंद करता हूँ मैं आँखें
तेरा ही चेहरा सामने आ जाता है ,
इश्क़ बेवजह किया था क्या मैने
इस ख़याल से दिल दहल जाता है
तुझे पाने के लिए क्या ना किया मैने
कितने रिश्ते तोड़े इस एक रिश्ते को बनाने के लिए
पर आज खुद को अकेला देखकर
मॅन खिन्न सा हो जाता है
इश्क़ बेवजह किया था क्या मैने
इस ख़याल से दिल दहल जाता है
तेरी हर याद मुझको इस कदर जला रही है
की अब उस रख को स्याही बनाकर
अपनी मोहब्बत की दास्तान लिख रहा हूँ
टूटी कलाम को साथी बना लिया है मैने
अब तो मौत ही अंत करेगी इस किस्से का
इस ख़याल से ज़िंदगी के बचे पल गुज़ार रहा हूँ
इश्क़ बेवजह किया था क्या मैने
इसका फ़ैसला आपके हाथ में छोढ़ कर जा रहा हूँ

5 comments:

  1. this wud do more gud if told to someone. cyberspace is way too saturated for such efforts. take my word for it :P

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  2. jaaneman ishq ki wajah to swayam prabhu ko bhi nahi mil paayi ....hum tum to fir bhi bachche hain....

    ishq mein har pal ek sadi ki tarah hai...aur har sadi ek pal ki tarah,

    ab is mohobbat ki daastaan ko realize kar ke feel bhi le lo iskaa.. Life's Good when ishq is arnd :D

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  3. As abhinav said... "Life's good when ishq is arnd"....u r lucky to atleast know what is love... duniya ki badi badi hasti bhi nai jaante ishq hota kya hai... :)

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  4. @abhinav:life's fucked up when ishq is around

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  5. and what's your take on someone saying it so boldly when he hasnt even been close to the feeling

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